Navya Nyay Pranali ka Tarksastra (नव्य न्याय प्रणाली का तर्क्सस्त्र)
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डॉ. आशीष यादव का जन्म 29 मई सन 1990 को ग्राम - वायभूड़, पोस्ट - हिरोनी जनपद - सम्भल (उत्तर प्रदेश) मे हुआ था, इनके पिता का नाम - श्री महीपाल सिंह, माता- श्रीमती इन्द्रा यादव, इनका जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था इन्होंने हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट की शिक्षा श्री सर्वदानन्द संस्कृत उ.मा. विद्यालय साधु आश्रम जनपद-अलीगढ़ की है, तत्पश्चात आपने स्नातक (शास्त्री) सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, स्नातकोत्तर (सर्वदर्शनाचार्य) बी.एड. (शिक्षा शास्त्री) एम.फिल. (विशिष्टाचार्य) तथा पी.एच. डी. (विद्यावारिधि) की उपाधि श्री लाल बहादुर शास्त्री, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, कटवारिया सराय, नई दिल्ली से की। आपके अनेक शोध-पत्र राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। आपके विभिन्न सेमिनारों व कार्यशालाओं में शोध-पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया हैं। और इन्होने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। वर्तमान में शासकीय विद्यालय जनता जूनियर हाईस्कूल, जरगांव, जनपद मुरादाबाद (उ.प्र.) में सहायक प्राध्यापक के पद पर पदस्थ हैं ।
डॉ. अशिष यादव द्वारा लिखित 'नव्य न्याय प्रणाली का तर्कशास्त्र' भारतीय तर्कशास्त्र और दर्शन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है। इस पुस्तक में प्राचीन तर्कशास्त्र के विकास से लेकर आज के समय तक के विभिन्न पहलुओं को सरल भाषा में समझाया गया है। लेखक ने पुस्तक में न केवल पारंपरिक विचारों का वर्णन किया है, बल्कि आधुनिक संदर्भ में उनके महत्व पर भी प्रकाश डाला है।
यह पुस्तक उन सभी पाठकों के लिए उपयोगी है जो भारतीय तर्कशास्त्र और दर्शन में रुचि रखते हैं। डॉ. अशिष यादव ने अपने अनुभव और ज्ञान का संक्षिप्त और सहज विवरण प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक बिना किसी कठिनाई के विचारों को समझ सकते हैं। पुस्तक में तर्क, प्रमाण और ज्ञान के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई है और इसे छोटे-छोटे अध्यायों में बाँटा गया है ताकि विषय की गहराई को सरलता से समझा जा सके।
यह पुस्तक न केवल छात्रों और शोधार्थियों के लिए, बल्कि उन पाठकों के लिए भी एक उपयुक्त गाइड है जो भारतीय तर्कशास्त्र की मूल धाराओं को सरल और स्पष्ट शब्दों में जानना चाहते हैं। 'नव्य न्याय प्रणाली का तर्कशास्त्र' ज्ञान की इस यात्रा में आपका स्वागत करती है और आपको नए दृष्टिकोणों से परिचित कराती है।
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